परिचय
एक शून्य करार एक ऐसा करार है जिसे कानून द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। यह किसी भी दायित्व या बाध्यता का निर्माण नहीं करता है। इसे अमान्य या अप्रवर्तनीय करार भी कहा जा सकता है।
शून्य करार की विशेषताएं
शून्य करार के प्रकार
शून्य करार कई प्रकार के होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
प्रकार | परिभाषा |
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सार्वजनिक नीति का विरोध: एक करार जो सार्वजनिक नीति या नैतिकता का खंडन करता है। | |
विषय वस्तु की अवैधता: एक करार जिसका विषय वस्तु अवैध या अपराधी है। | |
अक्षमता: एक करार जो अक्षम पार्टी द्वारा किया जाता है, जैसे कि नाबालिग या मानसिक रूप से अक्षम व्यक्ति। | |
धोखाधड़ी या भ्रम: एक करार जो धोखाधड़ी या भ्रम के परिणामस्वरूप हुआ है। | |
असंभवता: एक करार जिसका प्रदर्शन असंभव है। |
शून्य करार के प्रभाव
एक शून्य करार का निम्न प्रभाव हो सकता है:
शून्य करार से कैसे बचें
शून्य करार से बचने के लिए, निम्न कदम उठाए जा सकते हैं:
निष्कर्ष
एक शून्य करार एक ऐसा करार है जो कानून द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। यह किसी भी दायित्व या बाध्यता का निर्माण नहीं करता है। शून्य करार की विभिन्न प्रकार की विशेषताएं और प्रभाव होते हैं। शून्य करार से बचने के लिए, कानूनी सलाह लेना, करार की सावधानीपूर्वक समीक्षा करना और अपने अधिकारों से अवगत होना महत्वपूर्ण है।