void agreement meaning in hindi

शून्य करार का अर्थ हिंदी में

परिचय

एक शून्य करार एक ऐसा करार है जिसे कानून द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। यह किसी भी दायित्व या बाध्यता का निर्माण नहीं करता है। इसे अमान्य या अप्रवर्तनीय करार भी कहा जा सकता है।

शून्य करार की विशेषताएं

  • अमान्यता: शून्य करार कानून के अनुसार अमान्य है। इसे अदालत द्वारा लागू नहीं किया जा सकता है।
  • दायित्व का अभाव: शून्य करार किसी भी पक्ष पर कोई दायित्व या बाध्यता नहीं डालता है।
  • न्यायपूर्ण उपचार: यदि कोई पक्ष शून्य करार में प्रवेश करता है, तो वह न्यायपूर्ण उपचार का हकदार है, जैसे कि क्षतिपूर्ति या निष्कासन।

शून्य करार के प्रकार

शून्य करार कई प्रकार के होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

प्रकार परिभाषा
सार्वजनिक नीति का विरोध: एक करार जो सार्वजनिक नीति या नैतिकता का खंडन करता है।
विषय वस्तु की अवैधता: एक करार जिसका विषय वस्तु अवैध या अपराधी है।
अक्षमता: एक करार जो अक्षम पार्टी द्वारा किया जाता है, जैसे कि नाबालिग या मानसिक रूप से अक्षम व्यक्ति।
धोखाधड़ी या भ्रम: एक करार जो धोखाधड़ी या भ्रम के परिणामस्वरूप हुआ है।
असंभवता: एक करार जिसका प्रदर्शन असंभव है।

शून्य करार के प्रभाव

एक शून्य करार का निम्न प्रभाव हो सकता है:

  • अमान्यता: शून्य करार अदालत द्वारा अमान्य है और इसे लागू नहीं किया जा सकता है।
  • दायित्व से मुक्ति: शून्य करार पक्षों को किसी भी दायित्व या बाध्यता से मुक्त करता है।
  • न्यायपूर्ण उपचार: यदि कोई पक्ष शून्य करार में प्रवेश करता है, तो वह न्यायपूर्ण उपचार का हकदार है।

शून्य करार से कैसे बचें

शून्य करार से बचने के लिए, निम्न कदम उठाए जा सकते हैं:

  • कानूनी सलाह लें: किसी भी करार में प्रवेश करने से पहले कानूनी सलाह लें।
  • करार की सावधानीपूर्वक समीक्षा करें: करार की शर्तों की सावधानीपूर्वक समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि आप उन्हें समझते हैं।
  • अपने अधिकारों से अवगत रहें: अपने अधिकारों से अवगत रहें और किसी भी अनुचित या अवैध शर्तों से सावधान रहें।
  • धोखे या भ्रम से सावधान रहें: धोखे या भ्रम से सावधान रहें और किसी भी करार में दबाव में प्रवेश न करें।
  • लिखित करार करें: सभी करारों को लिखित रूप में करें ताकि उनकी शर्तों को स्पष्ट रूप से बताया जा सके।

निष्कर्ष

एक शून्य करार एक ऐसा करार है जो कानून द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। यह किसी भी दायित्व या बाध्यता का निर्माण नहीं करता है। शून्य करार की विभिन्न प्रकार की विशेषताएं और प्रभाव होते हैं। शून्य करार से बचने के लिए, कानूनी सलाह लेना, करार की सावधानीपूर्वक समीक्षा करना और अपने अधिकारों से अवगत होना महत्वपूर्ण है।



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